Skip to main content

Posts

Showing posts with the label newbook

परमेश्वर ने स्त्रियों को आशीष और अधिकार दिया है।

  उत्पत्ति 1:28 “और परमेश्वर ने उनको आशीष दी, और उनसे कहा,”फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो।“ परमेश्वर ने जैसे आदम और हव्वा को आशीष दी है, ठीक उसी प्रकार  आ पको भी फूलने और फलने, और पृथ्वी में भर जाने की आशीष दिया है। यानी स्त्रियाँ ही वह माध्यम है, जो इस पृथ्वी पर वंश पैदा करने के लिये और पूरे पृथ्वी को भरने के लिये है सृजी गई है। परमेश्वर ने आपको अधिकार दिया है कि आप इस पृथ्वी पर राज्य कर सके। हर परेशानी और शैतान के ऊपर राज्य करने के लिये आपको अधिकार दिया गया है। इसलिए बाइबल भी  लूका 10ः19 में कहता है “देखो, मैं ने तुम्हे साँपों और बिच्छुओं को रौंदने का, और शत्रु की सारी सामर्थ पर अधिकार दिया है; और किसी वस्तु से तुम्हें कुछ हानि न होगी।” आइये हम देखेंगे कि परमेश्वर के नजरों में स्त्री क्या है ? · आप सहायक है। (उत्पत्ति 2:18) परमेश्वर ने देखा कि आदम से कोई भी मेल नहीं खा रहा था यानी आप ही मेल खा सकती है, इसलिए आप बहुत ही विशेष है। (उत्पत्ति 2:20) · आप को...