“To do what you cannot do, to be what you cannot become, to reach where you cannot reach, to receive what you cannot earn, to possess things that would never be yours.”
भजन संहिता १३९:१ हे यहोवा, तू ने मुझे जाँचकर जान लिया है। हे परमेश्वर, तूने मुझे जाँचकर जान लिया है इस अध्याय के, शुरुआत में भजनकार यह कहता है कि “ हे परमेश्वर, तूने मुझे जाँचकर जान लिया है,अर्थात परमेश्वर एक व्यक्ति को जाँचने के बाद ही जान लेता है’’|अब यहाँ पर सवाल यह उठता है कि परमेश्वर ऐसा क्यों करते है | जी हाँ, इस सवाल का जवाब काफी सरल है परमेश्वर एक व्यक्ति को इसलिए परखता है क्योंकि वह यह देखना चाहता है कि उस व्यक्ति का दिल “ परमेश्वर के प्रेम के प्रति है या नहीं ’’और ख़ासकर उस व्यक्ति के जीवन में उसका “प्रथम स्थान’’ है या नहीं | आपको एक बात हमेशा याद रखनी है कि आपको अपने पति, पत्नी, बच्चे या फिर धन — संपत्ति यानि सारी चीजों से बढ़कर और सबसे ऊँचा जो प्रेम करना है, वो परमेश्वर से प्रेम करना है | जैसे दाऊद राजा को परमेश्वर ने जाँच लिया था कि यह मेरे दिल के मुताबिक व्यक्ति है | परमेश्वर ने वाचा के अनुसार अब्राहम को बेटा दिया; जब उसकी उम्र सौ वर्ष की थी और बाद में उस बे...
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